ज़िन्दगी टिके अल्फाजो पे, तो कुछ बाते भी होंगी ।।

जुगनु हैं रोशनी समेटे , तो राते भी होंगी ।।

और शकशियत नहीं जो भीड़ में खो जाए ,

मिलना हमसे जो चाहो तो मुलाकाते भी होंगी ।।

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