तुम्हारी सासे शायद कहर चाहती हैं,

ये फैला समुंदर छोड़ सिकुड़ा नहर चाहती हैं। 

और कहते हैं बेरोज़गारी मार देगी इन पहाड़ों में,

आबादी अब  मरने के लिए भी शहर चाहती हैं ।।

 

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