खुश ना हो अगर खिलाफ बात नहीं होती,
वजूद खो बैठती सुबह अगर रात नहीं होती।
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Thoughts about morning by some great authors
वो सुबह कभी तो आएगी — साहिर लुधियानवी
इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा।
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा।।
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं।
जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं।।
इन भूखी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं।
मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं।।
इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्कों में न तोली जाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को ना बेचा जाएगा।
चाहत को ना कुचला जाएगा, इज्जत को न बेचा जाएगा।।
अपनी काली करतूतों पर जब ये दुनिया शर्माएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
बीतेंगे कभी तो दिन आख़िर ये भूख के और बेकारी के।
टूटेंगे कभी तो बुत आख़िर दौलत की इजारादारी के।।
जब एक अनोखी दुनिया की बुनियाद उठाई जाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
मजबूर बुढ़ापा जब सूनी राहों की धूल न फांकेगा।
मासूम लड़कपन जब गंदी गलियों में भीख न मांगेगा।।
हक़ मांगने वालों को जिस दिन सूली न दिखाई जाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
फ़आक़ों की चिताओ पर जिस दिन इन्सां न जलाए जाएंगे।
सीने के दहकते दोज़ख में अरमां न जलाए जाएंगे।।
ये नरक से भी गंदी दुनिया, जब स्वर्ग बनाई जाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं।
जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं।।
वो सुबह न आए आज मगर, वो सुबह कभी तो आएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी।।
Author – साहिर लुधियानवी
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सुप्रभात कविता जो मन मोहित कर दे
खुद को इतना भी मत बचाया कर।
बारिशें हो तो भीग जाया कर।।
चांद लाकर कोई नहीं देगा।
अपने चेहरे को जगमगाया कर।।
दर्द हीरा है दर्द मोती है।
दर्द आंखों से मत बहाया कर।।!
काम ले कुछ हसीन होंठों से।
बातों-बातों में मुस्कुराया कर।।
धूप मायूस ही लौट जाती है।
छत पे किसी बहाने आया कर।।
कौन कहता है दिल मिलाने को।
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर।
AUTHOR :: UNKNOWN
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बह का सूरज — मुकेश मानस
सुबह यूं तो रोज आती है नई उम्मीद ले कर।
कभी मेरी उम्मीदों को सच कर जाया कर।।
सुबह का सूरज कितना प्यारा, कितना सुंदर।
रंग-बिरंगी किरणें उसकी रोम-रोम में बस जाती हैं
खुशबू सी महका जाती हैं।।
सुबह का सूरज लेकर आता आस नई बाहर-भीतर।
रौशन-रौशन कर जाता है तन-मन सारा।।
ये जीवन जो तुम्हें मिला है, इसको यूँ ही मत जाने दो।
सूरज सा इसको चमका दो, फूलों सा इसको महका दो।।
ये ही तुमसे कहता है, जब आता है सुबह का सूरज।
सुबह का सूरज, कितना प्यारा, कितना सुंदर।।
Author – मुकेश मानस
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सूरज की किरणें आती हैं – सुबह पर प्यारी कविता
सूरज की किरणें आती हैं, सारी कलियाँ खिल जाती हैं।
अंधकार सब खो जाता है, सब जग सुन्दर हो जाता है।।
चिड़ियाँ गाती हैं मिलजुल कर, बहते हैं उनके मीठे स्वर।
ठंडी-ठंडी हवा सुहानी, चलती है जैसी मस्तानी।।
खो देते हैं आलस सारा, और काम लगता है प्यारा।
सुबह भली लगती है उनको, मेहनत प्यारी लगती जिनको।।
मेहनत सबसे अच्छा गुण है, आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है।
अगर सुबह भी अलसा जाए, तो क्या जग सुन्दर हो पाए।।
author -: shriprashad
उम्मीद करता हूँ कि Good Morning Poem in Hindi में दिए कविता आपको पसंद आया होगा, क्योंकि सुप्रभात कविता विशेषज्ञों द्वारा चयन किया गया है जो सुबह-सुबह पढ़ने में मन खिल उठता है. आशा करता हूँ आप अपना सुझाव अवश्य देंगे.

मनमोहक
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